एनआईसी की जांच में हो सकता है बड़ा खुलासा, सीएम व विजीलैंस के पास शिकायत की हो रही तैयारी
पंजाब के परिवहन विभाग की बात हो और जांलधर के आरटीओ दफ्तर की बात न की जाए, यह तो पूरी तरह से नाइंसाफी होगी। क्योंकि इस दफ्तर में काम करने वाले कलर्कों की काली कमाई का ग्राफ लगातार ऐवरैस्ट की ऊंचाईयां छू रहा है। सबसे मज़ेदार बात यह है कि हाल ही में एक बेहद इमानदार एवं सख्त अधिकारी एसडीएम-2 बलबीर राज सिंह को इस दफ्तर का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। जिनके आने के बाद इस दफ्तर में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जैसे कि आम जनता का काम सही समय पर किया जाना, बिना मतलब आवेदन अप्रवूल के लिए रोके जाना इत्यादि कई काम हैं, जिन्हें करने के लिए उनकी तरफ से स्टाफ को सख्त हिदायतें जारी कर दी गई हैं।
हाल ही में हाट न्यूज़ इंडिया द्वारा लगाई गई एक खबर के बाद आरटीओ ने कड़ा कदम उठाते हुए दफ्तर के अंदर किसी भी बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी। जिसके बाद एसओ तक को खिड़की पर बैठकर आम जनता के सारे काम करने का निर्देश जारी किया गया था। इतना ही नहीं सभी निजी करिंदों की भी दफ्तर में एंट्री बैन कर दी गई थी। इसके साथ ही यह भी हिदायत जारी की गई थी, कि हर कलर्क अपना-अपना काम खुद करेंगे और किसी भी सूरत में उनकी सरकारी आईडी का बाहर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बावजूद इसके केवल 1-2 दिन आदेश की पालना करने के बाद एक कर्लक जिसे कंप्यूटर चलाना आता ही नहीं है,उसकी आईडी एक बार फिर से बाहर चलनी शुरू हो गई। इस बात की पुष्टि एनआईसी से की जा सकती है। क्योंकि जहां भी आईडी का इस्तेमाल होता है, वहां के आईपी एड्रैस से पूरी जानकारी मिल सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक स्वयं सेवी संस्था के प्रमुख एवं आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा इस मामले की पूरी जानकारी एक शिकायत के रूप में बहुत जल्दी ही प्रदेश के सीएम एवं विजीलैंस विभाग के पास की जाने की तैयारी की जा रही है, ताकि इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ बनती कानूनी कारवाई की जा सके।
इस संबधी जब आरटीओ से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं मिला, जिससे उनका पक्ष प्राप्त नहीं हुआ जैसे ही उनके साथ बात होगी, उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।