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जालंधर डीसी दफ्तर यूनियन की फूट एक बार फिर आई सामने !

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एक कलर्क की पदोन्नति को गलत ठहराते हुए दूसरे का हक दिलाने के लिए डीसी को लगाई गुहार

 

डीसी दफ्तर यूनियन जालंधर में पिछले कुछ समय से सब कुछ सही नहीं चल रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं, कि आए दिन किसी न किसी कर्मचारी की दूसरे कर्मचारी के साथ मतभेद की खबरें आती रहती हैं। इतना ही नहीं यूनियन के अंदर भी धड़ेबंदी काफी बड़ चुकी है। बात यहां तक पहुंच गई है कि अब कर्मचारी एक-दूसरे के खिलाफ चलने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में देखने को मिला जब यूनियन के स्तर पर अपने ही एक कर्मचारी की पदोन्नति को गलत बताते हुए अपने ही एक अन्य कर्मचारी के साथ हुई बेइंसाफी को लेकर डीसी के पास गुहार लगाई गई है।

क्या है मामला, यूनियन की तरफ से डीसी को क्या लगाई गई है गुहार ?

प्राप्त जानकारी के अनुसार डीसी दफ्तर कर्मचारी यूनियन की तरफ से डीसी को एक पत्र लिखकर कहा गया है, कि उनकी एसोसिएशन के ही एक सदस्य पूरण चंद की तरफ से यूनियन को भेजी गई एक ई-मेल एवं उसके साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए लिखा है, कि उनके द्वारा दी गई एप्लीकेशन एवं उसके साथ भेजे गए तथ्यों के आधार पर यूनियन का भी यह मानना है कि संबंधित कर्मचारी की बतौर सीनियर सहायक पदोन्नति के केस पर समय रहते नहीं विचार गया और उसकी जगह एक अन्य कर्मचारी सुखविंदर कुमार को शत-प्रतिशत गलत ढंग के साथ पदोन्नत किया गया है।

इसीलिए अपने पत्र में डीसी से गुहार लगाई गई है कि पूरण चंद के केस पर हमदर्दी से विचार करते हुए उसकी ड्यू-डेट से उसका बनता हक प्रदान किया जाए। और इस केस के साथ उस समय समय के डीलिंग कर्मचारी, अमला सहायक, सुप्रीडैंट की ज़िम्मेदारी फिक्स करते हुए बनती कारवाई भी की जाए।

इसके साथ ही जब तक पूरण चंद को उसका बनता हक नहीं मिलता और सीनियर सहायकों की सूचि में संशोधन नहीं किया जाता, तब तक सुप्रीडैंट ग्रेड-2 (माल व रिकार्ड) की पदोन्नती का केस-पैनल डिवीज़नल कमिशनर के पास न भेजा जाए।

कुछ दिन पहले इस्तीफा देकर सुर्खियों में आए थे सुखविंदर कुमार

जिस सुखविंदर कुमार की पदोन्नति को गलत ठहराया जा रहा है, यह वही कलर्क हैं जो कुछ दिन पहले डीसी के पास समय से पहले नौकरी छोड़ने संबधी 3 महीने का नोटिस देकर सुर्खियों में आए थे। तब उनकी तरफ से बेहद गंभीर आरोप लगाए गए थे, कि मौजूदा समय के अंदर डीसी दफ्तर के खराब माहौल के चलते उनका नौकरी आगे जारी रखना संभव नहीं है।

उनके द्वारा दिए गए त्यागपत्र के बाद कई सवाल खड़े हुए थे कि – आखिर ऐसा क्या हो गया है कि किसी कर्मचारी का अपनी नौकरी में दम ही घुटने लगा है ? आखिर उक्त कर्मचारी की असली परेशानी क्या है ? क्या वाकई उसे किसी स्तर पर तंग परेशान किया जा रहा है ? क्या उसकी पदोन्नती करने के उपरांत दफ्तर का माहौल ठीक हो जाएगा ?

United Punjab
Author: United Punjab

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