पंजाब के स्वास्थ्य विभाग को केंद्र सरकार द्वारा 15वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत 250 करोड़ रुपये की ग्रांट दी गई है। इस राशि का उपयोग अस्पतालों की स्थिति सुधारने के साथ-साथ शहरी आम आदमी क्लीनिकों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, केंद्र ने नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत 130 करोड़ रुपये की दूसरी ग्रांट भी प्रदान की है।
हाल ही में, राज्य सरकार ने एनएचएम के फंडों की ऑडिट के बाद केंद्र को रिपोर्ट भेजी थी, जिसके माध्यम से दूसरी ग्रांट को जारी किया गया। पहले चरण के तहत 123 करोड़ रुपये की राशि पिछले महीने जारी की गई थी, जो विवाद के कारण दो साल से अधिक समय बाद मिली थी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ग्रांट मिलने के बाद सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की सूची तैयार की जा रही है। इन केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, विभाग ने 165 नई आम आदमी क्लीनिकों की स्थापना भी की है, जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
राज्य में अब आम आदमी क्लीनिकों की संख्या 842 हो गई है, जिसमें 530 ग्रामीण और 312 शहरी क्षेत्रों में हैं। राज्य सरकार की योजना शहरी क्षेत्रों में भी इन क्लीनिकों को बढ़ाने की है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जा सके। अब तक, 1.90 करोड़ लोग इन क्लीनिकों का लाभ उठा चुके हैं, जिससे यह ग्रांट स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण है।
खबरों के अनुसार, केंद्र ने एनएचएम फंडों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए पंजाब में आम आदमी क्लीनिकों के संचालन में रुकावट डाली थी। हालिया समझौते के बाद, राज्य सरकार को केंद्र की ब्रांडिंग के तहत इन योजनाओं को लागू करने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार के पास अब तक 663 करोड़ रुपये का कुल फंड था, जिसमें से 517 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जो कि 77.98 प्रतिशत है।
