लुधियानाः वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल से साइबर ठगों ने 7 करोड़ रुपये की ठगी की है। ठगी करने वालों ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के नाम पर उन्हें गिरफ्तारी और बदनामी का डर दिखाया। उन्हें प्रॉपर्टी सीलिंग और अरेस्ट करने के फर्जी वारंट भेजे। जिसके बाद उनसे रकम ले ली। जब एसपी ओसवाल को ठगी की भनक लगी तो उन्होंने लुधियाना पुलिस को शिकायत दे दी। पुलिस ने आरोपियों पर केस दर्ज करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामलें सबंधी जानकारी देते हुए थाना साइबर क्राइम के एसएचओ जतिंदर सिंह ने बताया कि उनके पास 31 अगस्त को वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल की शिकायत आई थी। जिसके बाद आरोपियों को ट्रेस करने के लिए पुलिस की टीम लग गई थी। फिर बीते दिनों आरोपियों की असली लोकेशन का पता लगा तो लुधियाना से साइबर थाने की पुलिस आसाम के गुहाटी में रेड करने के लिए पहुंची। 3 दिनों तक चली इस रेड के दौरान पुलिस की टीम ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिन्होंने अपनी पहचान अतनु चौधरी पुत्र कनाड़ कांति चौधरी वासी गोहाटी, आसाम और आनंद कुमार चौधरी पुत्र महावीर प्रसाद वासी आर्य नगर, पल्टन बाजार, गुहाटी, आसाम के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से 5,25,00,600 रूपये, 6 एटीएम कार्ड और 3 मोबाइल फोन बरामद किए है।
इंटर स्टेट गैंग के आरोपी 5 राज्यों में फैले
JCP तेजा ने बताया कि इस इंटर स्टेट गैंग का नेटवर्क काफी मजबूत है। अभी तक की जांच में 9 लोगों को शमिल पाया गया है। दो की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि आरोपी निमी भट्टाचार्य पत्नि किशनू चौधरी वासी गोहाटी, असम, अलोक रंगी पुत्र शुभाष रंगी वासी मालदा, पश्चिम बंगाल, गुलजार मोर्तजा पुत्र नुरुल इस्लाम वासी मालदा, पश्चिम बंगाल, संजय सूत्रधार पुत्र जगन्नाथ सूत्रधार वासी तेजपुर वार्ड नं 13, हजारापुर, असम, रिंटू वासी नलवाड़ी, असम, रूमी कलिता वासी गोहाटी, असम, जाकिर को नामजद किया गया है।
पुलिस जानकारी के अनुसार यह फरार आरोपी असम, पशिचम बंगाल, दिल्ली में छुप कर बैठे है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस रेड कर रही है। इसके साथ ही जांच में यह बात सामने आई है कि इन सभी आरोपियों में आरोपी रूमी कलिता की मुख्य भूमिका है। वही इस इंटर गैंग की सरगना है। यह सभी आरोपी कभी एक-दूसरे से मिले नहीं है। इन सभी का ऑनलाइन तरीके से ही समपर्क हुआ है। इसके साथ ही हर एक आरोपी को अलग-अलग काम दिया गया था। उसके काम के हिसाब से ही उसकी 10- 20 प्रतिशत कमीशन को तह किया हुआ था। यह सभी आरोपी काफी वेल एजुकेटिड है। जबकि बातचीत करते हुए अच्छी अंग्रेजी बोलना और लॉ व कानून पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। हालाकि चोर कहीं न कहीं भूल कर जाता है, उसी भूल को लुधियाना पुलिस ने अपनी सफलता में बदल दिया। इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर (एमएचए) की रिपोर्ट के मुताबित साइबर क्राइम में 5,25,00,600 रूपये, की धनराशि भारत की अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी मनी है।